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इंदौर में अजीबोगरीब बीमारी का मामला, लड़की के शरीर से पसीने की जगह निकलता था खून, कैसे हुआ इलाज
शायद ही किसी ने सुना होगा खूनी पसीना (खून का पसीना), होम्योपैथिक इलाज से ठीक हुई इंदौर की लड़की, जब अन्य डॉक्टर (चिकित्सकों) ने इलाज करने से मना किया डॉ ए के द्विवेदी ने किया इलाज
रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुई इस इलाज की गाथा
इंदौर। दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं, जिन्हें कई तरह की अजीबोगरीब बीमारियां रहती हैं. कुछ बीमारी ऐसी सामने आ जाती है जो मेडिकल साइंस को भी हैरान कर देती है. इसी तरह की अजीब बीमारी का मामला इंदौर में सामने आया है जिसने दुनियाभर के डॉक्टर्स को परेशान कर दिया है। इंदौर की रहने वाली 17 साल की एक लड़की के शरीर से पसीने की जगह खून निकलता था। जी हां, किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करने के बाद इस लड़की के माथे से लेकर हथेलियों तक से खून निकलने लगता था। जिसका उपचार इंदौर के होम्योपैथिक स्पेशलिस्ट डॉ ए के द्विवेदी ने मात्र 30 हजार रुपए के खर्चे पर बच्ची को इस अनोखी बीमारी से मुक्त करने में मदद की।
हेमैटोहाइड्रोसिस बीमारी से पीड़ित थी लड़की
डॉ ए के द्विवेदी के अनुसार लड़की को हेमैटोहाइड्रोसिस नाम की एक बीमारी है, जो करोड़ों लोगों में से किसी एक में ही पाई जाती है। यह बीमारी होने के कारण लड़की की बॉडी से पसीने की जगह खून निकलता था डॉ एके द्विवेदी ने बताया कि आपने देखा होगा कि लोगों को हाथ और चेहरे के साथ में पूरे शरीर में पसीना आता है. हाईड्रोसिस यानी कि साधारण पसीना ही ज्यादातर लोगों को आता है तो लोग परेशान हो जाते हैं. लेकिन डॉक्टर द्विवेदी के पास फरवरी 2021 को एक ऐसा केस आया जिसमें मरीज को ब्लड का पसीना आता है. डॉक्टर ने कहा कि इस तरह का केस देश में दिल्ली में पहले मिल चुका था, जो कि लड़की ही थी.
पसीने की जगह ब्लड आना शुरू हो जाता था
दरअसल लड़की के परिजन भी इस बीमारी को लेकर काफी परेशान हो गए थे, क्योंकि किसी भी समय बच्चे को पसीने की जगह ब्लड आना शुरू हो जाता था। उन्होंने बताया कि सबसे खास बात यह हो गई कि पड़ोसी इससे देवी प्रकोप झाड़-फूंक करने की बात करते थे। परिजनों ने कई विशेष डॉक्टरों को भी दिखाया लेकिन किसी तरह का आराम लड़की को नहीं मिला। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने भी लड़की को स्कूल आने से मना कर दिया। जिसके बाद उसको मानसिक आघात पहुंचने का खतरा भी परिजनों को हो रहा था।
30 हजार से भी कम खर्च में पूरा इलाज हुआ
इंदौर के डॉक्टर डॉ वैभव चतुर्वेदी (एमडी, सायकाइट्री) आप इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर में प्रोफ़ेसर भी हैं, दोनों ने मिलकर पीड़ित बच्ची से बात किया और परिजनों से बात कर होम्योपैथिक के साथ सायकाइट्री पॉइंट ऑफ व्यू से भी देखा डॉ वैभव का ऐसा मानना था कि इसमें सायकाइट्री के लक्षण नहीं दिखाई दिए। कहीं ना कहीं ब्लड रेशम में प्रेशर बढ़ जाने के चलते इस तरह की परेशानी हो रही थी, जिसके बाद बच्ची को होम्योपैथिक ट्रीटमेंट शुरू किया गया। ट्रीटमेंट फरवरी 2021 में शुरू किया गया और जुलाई आते-आते उसका टेक आना बंद हो गया और नवंबर 2021 के बाद ब्लड का या किसी तरह का चेहरे का घाव नहीं हुआ।
फिलहाल अभी बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। वहीं इस पूरी अनोखी बीमारी के ठीक होने के बाद परिवार में काफी खुशी का माहौल है। खास बात यह है कि मात्र 30 हजार के कम खर्च में इस खतरनाक कही जाने वाली बीमारी को काबू में कर लिया गया।